रैथल गांव उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लाक में स्थित है। समुद्र तल से 6 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस गांव से दयारा बुग्याल के लिए ट्रैक शुरु होता है। मखमली घास के मैदान की तलहटी में स्थित रैथल गांव कई माईनों में खास है। आज भी इस गांव लोकसंस्कृति और परम्पराओं की झलक मिलती है। इसी गाँव के लोगों द्वारा विश्व प्रसिद्व दयारा बुग्याल पर हर साल एक खास त्यौहार मनाया जाता है जिसे बटर फेस्टिवल कहा जाता है और स्थानीय भाषा में अंडुडी पर्व कहा जाता है। यहां महिलाएं त्यौहार के समय प्रसिद्व रासों नृत्य में आपको दिखाई देंगी। पारम्परिक परिधान और आभूषणों में जब महिलाएं रासों नृत्य करती है तो लोकसंस्कृति का मनमोहक नजारा दिखता है। रैथल उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 42 किमी की दूरी पर स्थित है। उत्तरकाशी से भटवाडी करीब 32 किमी और फिर भडवाडी से रैथल 10 किमी की दूरी पर स्थित है। इस गांव में दयारा बुग्याल में ट्रैकिग 1980 के दौर से शुरु हो गई थी। गांव के स्व चन्दन सिंह राणा ने दयारा बुग्याल को विश्व के मानचित्र पर लाने के लिए अथक प्रयास किए।
Sandeep Gusain
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मैं संदीप गुसाईं एक पत्रकार और content creator हूँ।
और पिछले 15 सालों से विभिन्न इलेक्ट्रानिक मीडिया चैनल से जुडे हूँ । पहाड से जुडी संवेदनशील खबरों लोकसंस्कृति, परम्पराएं, रीति रिवाज को बारीकी से कवर किया है। आपदा से जुडी खबरों के साथ ही पहाड में पर्यटन,धार्मिक पर्यटन, कृषि,बागवानी से जुडे विषयों पर लिखते रहता हूँ । यूट्यूब चैनल RURAL TALES और इस blog के माध्यम से गांवों की डाक्यूमेंट्री तैयार कर नए आयाम देने की कोशिश में जुटा हूँ ।