उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मथोली गाँव स्थित है। गंगोत्री नेशनल हाईवे पर चिन्यालीसौड़ बाजार से मात्र 10 किमी की दूरी पर ये गाँव बसा है। यहां पर अभी भी ट्रेडीशनल फार्मिंग होती है जैसे मंडुआ, झंगोरा, चौलाई, गहत और लाल चावल, तिल और कौणी। पानी के अभाव के कारण यहां पर उन्ही फसलों की बुवाई की जाती है जिन्हें पानी की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है। यहां लाल चावल को काफी मात्रा में उत्पादन किया जा सकता है। मथोली गाँव और इस पूरी ट्रेल में 30-40 गाव है। इको टूरिज्म से इस वैली को जोड़ा जा सकता है। इस गॉंव की सबसे अच्छी खूबी है कि चिन्यालीसौड़ में ही मेडिकल सुविधा उपलब्ध है। यहाँ स्थानीय युवा अपनी छानी यानी पशुओं के लिए बनाए घर को होम स्टे में बदल रहे है।
Sandeep Gusain
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मैं संदीप गुसाईं एक पत्रकार और content creator हूँ।
और पिछले 15 सालों से विभिन्न इलेक्ट्रानिक मीडिया चैनल से जुडे हूँ । पहाड से जुडी संवेदनशील खबरों लोकसंस्कृति, परम्पराएं, रीति रिवाज को बारीकी से कवर किया है। आपदा से जुडी खबरों के साथ ही पहाड में पर्यटन,धार्मिक पर्यटन, कृषि,बागवानी से जुडे विषयों पर लिखते रहता हूँ । यूट्यूब चैनल RURAL TALES और इस blog के माध्यम से गांवों की डाक्यूमेंट्री तैयार कर नए आयाम देने की कोशिश में जुटा हूँ ।