उत्तराखंड में उत्तरकाशी की रवाईं घाटी अपनी लोक संस्कृति और लाल चावल के लिए विख्यात है लेकिन सबसे ज्यादा ये इलाका भवन निर्माण शैली के लिए प्रसिद्ध है। इस भवन निर्माण शैली का केंद्र बिंदु है बड़कोट के 12 किमी की दूरी पर स्थित कोटी बनाल गाँव जहा आज भी 1 हजार साल पुराने भवन खड़े है। वैज्ञानिक इन भूकंप रोधी भवनों को देखकर आज भी हैरान है। आईआईटी रुड़की और उत्तराखंड आपदा विभाग ने जब इन भवनों में प्रयोग की गई लकड़ी और पत्थर की कार्बन डेटिंग कराई तो पता लगा ये भवन एक हजार साल पुराने है और कई बड़े भूकंप को झेलने के बाद भी सुरक्षित है। इस गाँव में पंचपुरा यानी पाँच मंजिल भवन है जो अपनी अद्भुत निर्माण के लिए जानी जाती है।
Sandeep Gusain
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मैं संदीप गुसाईं एक पत्रकार और content creator हूँ।
और पिछले 15 सालों से विभिन्न इलेक्ट्रानिक मीडिया चैनल से जुडे हूँ । पहाड से जुडी संवेदनशील खबरों लोकसंस्कृति, परम्पराएं, रीति रिवाज को बारीकी से कवर किया है। आपदा से जुडी खबरों के साथ ही पहाड में पर्यटन,धार्मिक पर्यटन, कृषि,बागवानी से जुडे विषयों पर लिखते रहता हूँ । यूट्यूब चैनल RURAL TALES और इस blog के माध्यम से गांवों की डाक्यूमेंट्री तैयार कर नए आयाम देने की कोशिश में जुटा हूँ ।