देवरा गाँव में कर्ण महाराज का प्राचीन मंदिर है। अगस्त माह में इस मंदिर में विशेष पूजा होती है। कर्ण महाराज की मूर्ति को चंपावत से लाया गया है। इसके आस पास के गांवों में कर्ण के सारथी शल्य महाराज, कर्ण के गण पोखू देवता, कर्ण की गुरुमाता रेणुका देवी के मंदिर हैं। देवरा गाँव नैटवाड़ से 2 किमी और मोरी से 13 किमी की दूरी पर स्थित है। यह उत्तरकाशी में स्थित है।हर साल मकर संक्रांति पर इस गॉंव में एक कौथिक यानी मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें कौरव और पांडवो के बीच एक गेंद को कब्जाने को लेकर काफी समय तक संघर्ष होता है।
Sandeep Gusain
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मैं संदीप गुसाईं एक पत्रकार और content creator हूँ।
और पिछले 15 सालों से विभिन्न इलेक्ट्रानिक मीडिया चैनल से जुडे हूँ । पहाड से जुडी संवेदनशील खबरों लोकसंस्कृति, परम्पराएं, रीति रिवाज को बारीकी से कवर किया है। आपदा से जुडी खबरों के साथ ही पहाड में पर्यटन,धार्मिक पर्यटन, कृषि,बागवानी से जुडे विषयों पर लिखते रहता हूँ । यूट्यूब चैनल RURAL TALES और इस blog के माध्यम से गांवों की डाक्यूमेंट्री तैयार कर नए आयाम देने की कोशिश में जुटा हूँ ।