
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बड़े उद्योग की संभवानाएं कम है लेकिन पहाड़ो में पर्यावरण की दृष्टि से छोटे उद्योग स्थापित किये जा सकते है। रुद्रप्रयाग जिले की महिला उद्यमी उर्मिला नेगी सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उर्मिला नेगी ने करीब 22 साल पहले खड़पतिया स्थान पर अपने पति विजय नेगी की सहायता से पहाड़ो उत्पादों से जूस, जैम, अचार और चटनी बनाने का कार्य शुरू किया।
फलों के उद्योग किये जा सकते है स्थापित

पहाड़ो में बड़ी मात्रा में माल्टा की पैदावार होती है। रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, नैनीताल जिलों में माल्टा, आड़ू, सेब और मैदानी इलाकों में आम, आंवला, लींची से जूस तैयार किया जाता है। इसके साथ ही यहाँ पर राज्य वृक्ष बुराँश के फूलों से जूस तैयार किया जाता है। बुराँश के फूलों से तैयार जूस हृदय रोगियों के लिए रामबाण है। खड़पतिया में उर्मिला नेगी द्वारा जड़ी बूटियों से भी जूस तैयार किया जाता है। जिसमे ब्राम्ही, पुदीना, गिलोय, नींबू का भी जूस तैयार किया जाता है। इसके अलावा आम, तिमला, लिंगड़ा, लहसुन, हरीमिर्च, कटहल और आँवला का जूस तैयार किया जाता है। हिमाचल की तर्ज पर पहाड़ो में माल्टा, सेब, आड़ू और पुलम से फ्रूट वाइन बनाई जा सकती है जिससे पहाड़ के उद्योग स्थापित किये जा सकते है।

इस छोटे से कुटीर उद्योग में करीब 8 युवाओ को रोजगार मिला हुआ है जो आस पास के ग्रामीण इलाकों के युवा है। इसके अलावा करीब 3 दर्जन महिलाएं अप्रत्यक्ष रूप से इस उद्योग से जुडी हुई है जिनसे कच्चा माल जैसे बुराँश, माल्टा, आंवला, नींबू खरीदा जाता है। प्योर ब्रांड से ये सभी उत्पाद पूरे प्रदेश में भेजे जाते है।

एक गृहणी के रूप में उर्मिला नेगी अब एक उद्यमी बन कर इस पूरे इलाके के कई लोगों को रोजगार मुहैया करा रही है।उर्मिला बताती है कि शुरू में एक छोटी इकाई के रूप में इसकी शुरुआत हुई थी। पहाड़ो में माल्टा, नींबू, आँवला, सेब, आड़ू, पुलम, नाशपाती जैसे फलों से उचित मूल्य ना मिलने से कई बार खराब हो जाते है इसलिए इस तरह के कुटीर उद्योग बहुत फायदेमंद हो सकते है।
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विजय नेगी
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