
नैनीताल में बर्फबारी के बाद चाइना पीक बर्फीला रेगिस्तान लग रहा है। बड़ी संख्या में सैलानियों की भीड़ चाइना पीक जिसे नैना पीक भी कहते है में उमड़ रही है। कुदरत के नायाब करिश्मे को देख पर्यटक भी मंत्र मुग्ध हो रहे है। बर्फ़बारी के बाद नैना पीक ट्रैक में फिसलन होने से पर्यटकों को थोड़ी मुश्किल होती है। पाला पड़ने के बाद कुछ जगहों पर ट्रैक खतरनाक हो चुका है। नैना पीक जाने के लिए आपको नैनीताल से करीब 3 किमी सड़क मार्ग से टांकी चेक पोस्ट से पैदल सफर शुरू करना पड़ेगा।
नैनीताल के आसपास की सबसे ऊँची चोटी है नैना पीक

नैना पीक नैनीताल के आस पास की सभी चोटियों से सबसे ऊंची चोटी है जिसकी ऊंचाई 8622 फ़ीट(2611मी) है जहां से नैनी झील, पूरा नैनीताल, हल्द्वानी, रामगढ़, मुक्तेश्वर, रानीखेत, नेपाल बार्डर, चाइना बॉर्डर और आस पास की सभी ऊंची चोटियों दिखाई देती है। इस समय नैना पीक में एक फ़ीट बर्फ जमी है और नैना पीक में पैदल सफर करना किसी रोमांचकारी यात्रा से कम नही है। चाइन पीक में बर्फ और वहाँ से नैनी झील का मैंगो शेप देखने के लिए कई प्रदेशों से सैलानी पहुँच रहे है।
बर्फ में चलना किसी रोमांच से कम नही है

ट्रेक में पैदल सफर के समय कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। पेड़ो पर जमी बर्फ लगातार गिर रही है। पाला पड़ने के बाद उतरते समय दिक्कत होती है। नैनी पीक करीब 2 एक किमी की दूरी पर रहता है तो उस समय सबसे ज्यादा मुश्किल है। एक तरफ गहरी खाई है और ट्रेक पर एक फ़ीट मोटी बर्फ जमी है जरा पैर फिसला तो गहरी खाई में गिरने का खतरा बना हुआ है। इसके बावजूद सैलानियों के उत्साह और जोश में कोई कमी नही है। गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, राजस्थान से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुँच रहे है।
पक्षियों के दीदार के लिए विख्यात है नैना टॉप ट्रेक

अगर आपको नैनीताल शहर और नैनी झील के नैसर्गिक सौंदर्य का दीदार करना है तो फिर नैना पीक से अच्छी जगह आपके लिए कोई नही हो सकता है। इस समय ये सफर और भी रोमांचकारी और अविस्मरणीय हो जाएगा आपको लगेगा कि आप यूरोप की वादियों में हो। नैना पीक नंदा देवी बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व के अंतर्गत आती है। यहाँ बड़ी संख्या में बर्ड वॉचर भी आते है। यहाँ पर कोकलास फिजेन्ट, कॉलिज फिजेन्ट, चीर फिजेन्ट, हिमालयन वुड पैकर देखने आते है। इसलिए ये 3 किमी का ट्रैक काफी फेमस है। नैना पीक ट्रेक से कई अन्य ट्रेक भी मौजूद है।ये ट्रेक हिमालयन बायो डाइवर्सिटी का अनोखा उदाहरण है। यहाँ से पंगोट, किलबरी जा सकते है। ये जंगल ट्रेक इन दिनों बर्फीला रेगिस्तान है।जब नैना पीक पर पहुचेंगे तो आपकी सारी थकान गायब हो जाएगी और आपको लगेगा कि आपने आसमान छू लिया है।
रात को माइनस 5 तक जा रहा है तापमान

चाइना पीक(नैना पीक) में वन विभाग के कुमाँऊ क्षेत्र का वायरलेस रिपीटर सेंटर है जहाँ वन विभाग के दो कर्मचारी हमेशा तैनात रहते है। यहाँ रात को तापमान माइनस 5 डिग्री तक पहुँच जा रहा है। इस टॉप में पानी भी बर्फ पिछलाकर पीना पड़ रहा है। यहां से गर्मियों में कही भी आग लगने के बाद हल्द्वानी जानकारी दी जाती है।
I like your rural tales program, your description is different and better than others
Thank you so much Swadesh ji
बहोत ही सुंदर वर्णन। आपके इस रोमांचकारी सफर का अनुभव किया । आपके रुरल टेल्स व्हीडिओज भी हमेशा देखती हुं ।सुंदर होते है
Thank You Manasi Ji