
6 मई को खुलेंगे बाबा केदार के द्वार
प्रदेश में इस बार मई के पहले हफ्ते में चार धाम यात्रा शुरू हो रही है। 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। 6 मई को केदारनाथ और 8 मई को बद्रीविशाल के धाम के कपाट खुल रहे है। यात्रा में इस वर्ष रिकॉर्डतोड़ श्रद्धलुओं के आने की उम्मीद है। चारों धामो में सबसे ज्यादा बुकिंग और भीड़ केदारनाथ में आने की उम्मीद है। समुद्र तल से 3500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित केदारनाथ धाम बर्फ नही है। यात्रा मार्ग में केवल लिंचोली, छानी और भैरव गदेरा में विशालकाय हिमखंड आपके स्वागत के लिए खड़े मिलेंगे।

प्रशासन के सामने गुप्तकाशी से गौरीकुण्ड तक है सबसे बड़ी चुनौती
गुप्तकाशी से सोनप्रयाग तक मोटर मार्ग कई जगह काफी संकरा है। सरकार जगह जगह गड्ढे को भर रही है। इस बार यात्रा की भीड़ को देखते हुए पार्किंग की दिक्कत सामने आ सकती है। पार्किंग केवल सोनप्रयाग और सीतापुर में है। इस दिक्कत के कारण यात्रियों को इस बार काफी दिक्कतें सामने आ सकती है। सड़क चौड़ीकरण का कार्य भी लगातार चल रहा है।
गौरीकुण्ड से केदारनाथ पैदल मार्ग में शुरू हुई दुकानें खुलनी

गौरीकुण्ड से पहले सोनप्रयाग तक ही गाड़ियों को जाने की अनुमति है। सोनप्रयाग से आगे प्रशासन द्वारा शटल सेवा से यात्रियों को गौरीकुण्ड भेजा जाता है। सोनप्रयाग में यात्रियों का बॉयोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन भी किया जाता है। सोनप्रयाग से 5 किमी की दूरी पर गौरीकुण्ड स्थित है जहाँ पर गर्म कुंड स्थित है और यह केदारनाथ घाटी का अंतिम गाँव भी है। यहाँ होटल और रेस्टोरेंट भी आपको मिल जाएंगे। यहाँ से आगे सफर पैदल शुरू होता है। घोड़े खच्चरों की बुकिंग भी यही से प्रीपेड द्वारा की जाती है।गौरीकुण्ड से आगे यात्रा मार्ग को जगह जगह ठीक किया जा रहा है। चीरबासा, जंगलचट्टी, भीमबली, लिंचोली, बड़ी लिंचोली और बेस कैंप तक कई जगह स्थानीय व्यापारी अपनी दुकानें को ठीक कर रहे है। भीमबली से आगे पैदल मार्ग पर कई विशालकाय हिमखंड है।

प्राकृतिक नजारों को कैद कर सकेंगे आपकी आंखें
पैदल मार्ग में केदारनाथ वन प्रभाग की अद्भुत जैव विविधता के दीदार आपको होंगे। बुराँश की अलग अलग प्रजातियां, केदार पाती, रागा, भोजपत्र, अखरोट, पांगर, मोरिन्डा,जामुन और कई जड़ी बूटियां आपको मिल जाएगी। भीमबली से आगे चढ़ाई शुरू होते ही केदारनाथ धाम की चोटियां दिख जाती है और पूरी घाटी के नजारे भी दिखने शुरू हो जाते है। पहाड़ो की ऊँचाई से गिर रहे है झरने और ठंडी हवाओं के झोंके आपकी थकान को कम करते रहेंगे। छोटी लिंचोली से आगे आधा दर्जन जगहों पर कई बड़े बड़े हिमखंड भी है।

युद्ध स्तर पर चल रही है तैयारियां
6 मई को खुल रहे धाम के कपाट से पहले प्रशासन और विभिन्न विभागों के कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे है। जीएमवीएन द्वारा अपने कमरे और टैंट को सही किया जाता रहा। बिजली, संचार और पानी की व्यवस्था कई जगह दुरस्त किया जा रहा है और कई जगह अभी किया जा रहा है। भीमबली से आगे कई जगह पैदल मार्ग में रेलिंग टूटी हुई है। पैदल मार्ग में सभी कार्य लगातार जारी है।
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