
केदारनाथ यात्रा में इस बार यात्रियों का क्रेज लागातर बढ़ रहा है। पिछले 2 साल से कोविड 19 बीमारी के कारण धाम में यात्रा सीमित रही । लेकिन इस बार यात्रा पूरे शबाब पर रहने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने हेली सेवाओ की बुकिंग भी शुरु कर दी है। गढ़वाल मडंल विकास निगम द्वारा ऑनलाइन बुकिंग जारी है। केदारनाथ यात्रा का क्रेज कितना ज्यादा है इसका अंदाजा आप अभी से लगा लीजिये कि देश के कई राज्यों से श्रद्धालु अभी से पहुँचने लगे है।

केदारनाथ धाम में सबसे बड़ी चुनौती मौसम साबित हो रहा है। मैदानी इलाकों में गर्मी से लोगों के बुरे हाल है तो पहाड़ो में जंगलों की भीषण आग ने धुंध और जहरीली हवाओ ने जीना मुश्किल कर रखा है। बात केदारनाथ धाम की कर ले तो धाम में लगभग हर दिन बारिश और बर्फ़बारी से मौसम ठंडा है। आप गर्म कपड़े और जैकेट भी जरूर रख लें। सुबह मौसम साफ रहता है और 11 बजे के बाद लोकल बादल बनने शुरू हो जाते है और फिर 2 बजे के बाद घाटी में बारिश और बर्फ़बारी शुरू हो जाती है।

राज्य सरकार ने इस बार धाम में बिजली मुहैया कराने के लिए एक और लाइन केदारपुरी पहुँचा दी है। बारिश, बर्फ़बारी या फिर तेज हवाओं के कारण एक लाइन क्षतिग्रस्त हुई तो बिजली बाधित नही होगी। पेयजल की आपूर्ति भी सुचारू कर दी है।इसके अलावा धाम में संचार सेवाएं जीओ और एयरटेल भी शुरू हो गया है।

केदारनाथ यात्रा में इस वर्ष सबसे ज्यादा आकर्षण आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति होगी। मंदिर प्रांगण से मात्र 50 मीटर की दूरी पर गोलाकार आकृति के भीतर यह दिव्य और भव्य मूर्ति रखी गई है। इस मूर्ति के दर्शन के लिए आप मंदिर से 5 मिनट में पहुँच सकते है। पिछले वर्ष कपाट बंद होने से पूर्व पीएम मोदी ने इस मूर्ति का अनावरण किया था।

केदारनाथ में इस बर्ष अत्यधिक भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने खाली जगहों पर टैंट लगाने के निर्देश दिए है। इस बार जीएमवीएन और बाकी सभी होटल, लॉज और धर्मशालाओ को खाली जगहों पर टैंट लगाने के निर्देश दिए गए है। जीएमवीएन में बुकिंग फूल हो चुकी है जबकि केदारनाथ में अन्य सभी लॉज और होटल ऑफलाइन ही बुक कर रहे है। तीर्थपुरोहितों ने अभी बुकिंग शुरू नही की है।








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