20 हजार श्रद्धालुओ की मौजूदगी में खुले बाबा केदार के द्वार

हिमालयी ज्योतिलिंग श्री केदारनाथ के कपाट देश विदेश के श्रद्धालुओ के लिए खुल गए। 6 मई को 6 बजकर 25 मिनट पर रावल भीमाशंकर लिंग, हक हकूकधारी और प्रशाशन की मौजूदगी में पूरब दिशा में स्थित द्वार खोले गए सबसे पहले बाबा को समाधि से जगाया गया। भस्म लगे शिवलिंग को साफ कर बाबा जलाभिषेक किया गया।
कपाट उद्धाटन समारोह के साक्षी बने 20 हजार श्रद्धालु
कपाट उद्धाटन में सुबह 3 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लाइन में लग गई थी। जैसे ही कपाट उद्घटान का उद्धोष हुआ तो भोले के नारों के साथ पूरी केदारपुरी गुंजायमान हो गई। देश के लगभग सभी राज्यों के लोग के पावन घड़ी में मौजूद रहे। सुबह से अपनी पंक्ति में घड़े श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते रहे। करीब 12 बजे के बाद श्रद्धालुओ ने दर्शन शुरू हुआ उससे पहले वीआईपी लोगों के कारण दर्शन के लिए लाइन में खड़े लोग काफी मुश्किल में रहे।
7 मई को भुकुंठ भैरव के कपाट खुलने के बाद होगा श्रृंगार और आरती
बाबा केदारपूरी के रक्षक और कोतवाल भुकुंठ भैरव के कपाट 7 मई के दिन खुलते है। भुकुंठ भैरव के कपाट खुलने के बाद मंदिर के गर्भगृह में विधिवत श्रृंगार और आरती होती है। मान्यता है कि जैसे काल भैरव काशी विश्वनाथ के रक्षज है वैसे ही भुकुंठ भैरव केदारपुरी के रक्षक है। उनकी पूजा अर्चना और कपाट उद्घाटन के बाद ही बाबा भोलेनाथ की आरती और श्रृंगार किया जाता है।
9 क्विंटल से सजाया गया बाबा का भव्य मंदिर
केदारघाटी वैसे तो इस समय कई फूलों से सज रही है लेकिन कपाट उद्धाटन समारोह से पहले बाबा केदारनाथ के मंदिर को 9 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। मंदिर का मुख्य द्वार और नंदी को गेंदे के फूलों से सजाया गया। कपाट खुलने के मौके पर पद्म श्री डॉ बसंती बिष्ट और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये। जागर गायिका बसंती बिष्ट से जागर गाकर बाबा भोलेनाथ का आह्वान किया। मराठा रेजिमेंट के बैंड ऊखीमठ से लेकर केदारपुरी तक डोली के साथ रहे। सेना की मधुर धुन में ओम जय जगदीश हरे, गायत्री मंत्र के अलावा कई भजनों को सुनाया गया।
2 साल कोविड महामारी के कारण हुई थी यात्रा प्रभावित
चारधाम यात्रा में पिछले 5 सालों से सबसे ज्यादा क्रेज केदारनाथ यात्रा को लेकर है इसलिए इस बाद हिमाचल प्रदेश से भी घोड़े खच्चर आये हुए है। उत्तराखंड के हर जिले के लोग इस बार केदारनाथ यात्रा से आस लगाए हुए है। गुप्तकाशी से केदारनाथ तक पूरे यात्रा मार्ग में खाने पीने और होटल, लॉज में चहल पहल दिख रही है। पहली बार केदारपुरी में टैंट भी लग रहे है।गौरीकुंड में पूजा साम्रगी की दुकान चला रहे राजपाल रावत कहते है कि इस बार उम्मीद से ज्यादा भीड़ है। केदारनाथ में खाने पीने का छोटा सी दुकान चला रहे धर्मेंद्र पुष्पवान कहते है कि बाबा पर ही पूरी केदारघाटी की आर्थिकी टिकी हुई है। पिछले 2 सालो से यात्रा बाधित रही। इस वर्ष उम्मीद है कि स्थितियां ठीक रहेंगी।
लागातर हो रहा है केदारपुरी में दिक्कतों का सामना
केदारनाथ में पिछले कई दिनों से बिजली कि कटौती एक बड़ी समस्या बनी हुई है। दोपहर के बाद जैसे ही मौसम खराब होने का बाद बारिश होती और तेज हवाओं के कारण बिजली जा रही है इससे स्थानीय लोगो और श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत हो रही है। इसके अलावा अभी कई जगहों पर टॉयलेट भी नही बने है। धाम में केवल एयरटेल और जिओ ही चल रहे है। इसमें में भी एयरटेल में ही इंटरनेट है। सबसे ज्यादा भक्तों को श्री केदारनाथ के दर्शनों में आ रही है। उद्घाटन के दिन ही भक्तों की लाइन हेलीपैड तक पहुँच गई।
जय हो बाबा केदारनाथ