01 October, 2023

जोशीमठ ही नहीं कई पहाड़ी शहर और गाँव है ख़तरें में

पहाड़ों में है सैकड़ों दरकतें और धसते गाँव

जोशीमठ उत्तराखंड

पिछले साल जोशीमठ शहर के सैकड़ों मकानों के भू धसाव की खबरें तो आप लगातर देख रहे होंगे लेकिन जोशीमठ का ही अस्तित्व खतरे में नहीं है बल्कि पहाड़ के पहाड़ अनियंत्रित विकास की भेंट चढ़ते जा रहे हैं। चमोली जिले की उर्गम घाटी के देवग्राम में भू धसाव के कारण कई मकानों में पिछले 10 सालों से दरारे है और ग्रामीण भय के साये में जी रहे हैं।

उर्गम घाटी के देवग्राम सालों से दरक रहा है लेकिन आज तक विस्थापन के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया। जोशीमठ भू धसाव के बाद अब देवग्राम के लोग भी विस्थापन की उम्मीद लगाए बैठे हैं। देवग्राम पंचायत के कई मकानों में 2013 की आपदा के बाद दरारे आ गई थी। देवग्राम की गीरा और बासा तोक के बुरे हाल हैं यहां लगातार मकानों में दरारे आ रही है लोग लंबे समय से प्रशासन से मांग करते रहे कि गांव का पुनर्वास किया जाए किंतु अभी तक कार्रवाई नहीं हो पाई है।

जोशीमठ उत्तराखंड

लोग दहशत में जीवन यापन कर रहे हैं, कई लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। देवग्राम के भल्ला खोला, मल्ला खोला, गीरा वांसा, मूल्या वांसा तोकों की स्थिति काफी खराब है। कई लोगों ने अपने मकान छोड़ दिए हैं लगातार दरारें बढ़ रही है देबग्राम के पंचायत भवन पर भी दरारे आ चुकी है। देवग्राम के प्रधान देवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि हमने कई बार जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री मांग की लेकिन विस्थापन की कोई कार्यवाई नहीं हुई।

देवग्राम गाँव कल्पेश्वर धाम का है मुख्य पड़ाव

जोशीमठ उत्तराखंड

उर्गम घाटी में एक दर्जन गाँव है। यह घाटी चमोली जिले में अपने उपजाऊ भूमि और धान, राजमा, आलू सहित कई फसलों के लिए प्रसिद्ध है। इस घाटी से करीब एक दर्जन ट्रैक उच्च हिमालायी बुग्यालों, ग्लेशियरों के लिए जाते है। देवग्राम इस घाटी का केंद्र में बसा गाँव है। 2013 में कल्प गंगा नदी ने इस घाटी में तबाही मचाई थी और सैकड़ो बीघा ज़मीन बहा ले गई। उस समय नदी की तेज बाढ़ में ज़मीन बह गई और उसके कारण कई मकानों में दरारें पड़ गई।

गाँव के नीचे से बन रही THDC की विष्णुगाड़ -पीपलकोटी परियोजना की टनल

2013 की आपदा के बाद लगातार मकानों में दरारों के बढ़ने का सिलसिला जारी है। इस गांव के नीचे से विष्णुगाढ़ पीपलकोटी विद्युत परियोजना की टनल का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीणों को आशंका है कि उसके कारण भू -धसाव बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता। इस पूरे क्षेत्र का व्यापक सर्वे नहीं किया गया है।

जोशीमठ उत्तराखंड

स्थानीय लोग लम्बे समय से इन मुद्दों को उठाते रहे कोई सुनने वाला नहीं है लोग बेघर होने की स्थिति में है। सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण नेगी बताते है पिछले 10 सालों में हमने हर अधिकारी और जनप्रतिनिधि के दरवाजे पर फरियाद लगाई लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। THDC के सामने भी स्थानीय लोगों ने गुहार लगाई लेकिन कंपनी ने अपनी कोई भी गलती मानने से इंकार कर दिया।

खौफ में जी रहे है ग्रामीण

जोशीमठ उत्तराखंड

 स्थानीय जनता कल्प क्षेत्र विकास आंदोलन के माध्यम से भी इन मुद्दों को उठाते रहे परंतु कोई सुनने वाला नहीं है। पिछले 2 सालों से  चमोली जिले के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत जी को हम ज्ञापन दे चुके हैं किंतु कार्रवाई नहीं हो पाई है। गोपेश्वर में जिलाधिकारी को भी इस प्रकरण में लोगों के द्वारा ज्ञापन दिया जाता रहा हैं।  देवग्राम के कुलदीप सिंह की मकान पर दरार लगातार बढ़ रही है वही देवग्राम पंचायत भवन के पास किशन सिंह के मकान नीचे गिरने वाला है। बासा तोक में कुंदन सिंह सजवान, इंदर सिंह सजवान, हीरा सिंह, राजेंद्र सिंह रावत, गजेंद्र सिंह रावत, केदार सिंह देवेंद्र सिंह सहित कई लोगों की मकानों पर दरारें पड़ी है। स्थानीय लोग इसी उम्मीद में है कि जोशीमठ की तर्ज पर उन्हें भी मुआवजा और विस्थापित किया जायेगा।

संदीप गुसाईं /जोशीमठ

Sandeep Gusain

नमस्ते साथियों।

मैं संदीप गुसाईं एक पत्रकार और content creator हूँ।
और पिछले 15 सालों से विभिन्न इलेक्ट्रानिक मीडिया चैनल से जुडे हूँ । पहाड से जुडी संवेदनशील खबरों लोकसंस्कृति, परम्पराएं, रीति रिवाज को बारीकी से कवर किया है। आपदा से जुडी खबरों के साथ ही पहाड में पर्यटन,धार्मिक पर्यटन, कृषि,बागवानी से जुडे विषयों पर लिखते रहता हूँ । यूट्यूब चैनल RURAL TALES और इस blog के माध्यम से गांवों की डाक्यूमेंट्री तैयार कर नए आयाम देने की कोशिश में जुटा हूँ ।

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