
उत्तराखंड के चार धाम की तिथि लगभग साफ हो चुकी है। 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। 6 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। 8 मई को भू वैकुंठ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।
उत्तराखंड एक धार्मिक प्रदेश है। इसलिए ऐसे देवभूमि कहा गया है। हर साल मई माह से शुरू होने वाली चार धाम की तिथियां स्प्ष्ट हो गई है। चारो धामो की तिथियों के तय होने के बाद प्रदेश में चार धाम यात्रा की तैयारियां भी शुरू हो चुकी है। इस साल अगर कोरोना संक्रमण नही बढ़ा तो रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी।
3 मई को खुलेंगे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट
सबसे पहले आपको बताते है कि चारों धामो के शीतकालीन पूजा कहा होती है। माँ यमुना की शीतकालीन पूजा खरसाली में होती है जो यमुना घाटी का अंतिम गाँव है। यहाँ से डोली 3 मई को सुबह प्रस्थान करती है। खरसाली से करीब 6 किमी की दूरी पर यमुनोत्री धाम स्थित है। गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजा अर्चना मुखीमठ यानी मुखवा गाँव में होती है। माँ गंगा की डोली मुखवा गाँव से 2 मई को प्रस्थान करती है रात्रि विश्राम भैरोघाटी में होता है। अगले दिन यात्रा सुबह गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान करती है। 3 मई को गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे।

केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया ओंकारेश्वर मंन्दिर ऊखीमठ से शुरू होती है। भगवान केदारनाथ की पंच मुखी चल विग्रह डोली उखीमठ से प्रस्थान करती है। डोली उखीमठ से 2 मार्च को गुप्तकाशी में रात्रिविश्राम करेगी। 3 मई को डोली फाटा, 4 मई को गौरीकुंड और 5 मई को केदारनाथ धाम में पहुँचेगी। 6 मई को 6 बजकर 15 मिनट पर देश और दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोले जाएंगे। इससे पहले केवल फाटा और गौरीकुण्ड में रात्रि विश्राम करती थी लेकिन इस बार गुप्तकाशी में भी रात्रि विश्राम करेगी।
बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खुलेंगे
सबसे अंतिम में बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर कपाट खुलेंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि सबसे पहले बसंत पंचमी को टिहरी राजदरबार नरेंद्रनगर में शुरू होती है। 22 अप्रैल को टिहरी रियासत की सुहागिन महिलाएं गाडू घड़े के आगामी 6 महीने तक तिल का तेल खुद अपने हाथों से निकलेगी। उसके बाद गाडू गाड़ा यात्रा बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होगी।
बहुत अच्छी जानकारी दी आप ने।बहुत बहुत धन्यवाद आपका
धन्यवाद् बबीता जी !
Very good bhaiya
Thank You