बदलो के बीच चहलकदमी और मखमली घास के बुग्यालों की अलौकिक सौंदर्य का दीदार अगर आपको करना है तो आप चमोली जिले के घाट विकासखंड के रामणी गाँव आ सकते है।

बालपाटा बुग्याल लगभग 11 हजार फीट पर स्थित है।बालपाटा बुग्याल रामणी गाँव से 7 किमी की दूरी पर स्थित है।यहाँ का पैदल सफर मनमोहक है।बांज,देवदार,खरसू, बुराँश, सुरई जंगलो से होकर गुजरना पड़ता है।इस सफर में बीच में छानिया भी दिखाई देती है।जहां आस पास के ग्रामीण बरसात के तीन महीनों के लिए अपने पशुओं के साथ आ जाते है।यहाँ आप उच्च हिमालय में होने वाली जड़ी बूटियों में कूट,कुटकी, अतीस,ब्राम्ही,वन ककड़ी सहित कई जड़ी बूटियों की जानकारी मिलेगी।
बालपाटा बुग्याल में हर साल माँ नंदा की जात का समापन होता है।कुरुड़ गाँव जो चमोली जिले के घाट विकासखंड में स्थित है,हर साल दो जात जाती है।पहली जात बधाण की नंदा बेदनी बुग्याल जाती है जबकि दूसरी दशोली क्षेत्र की लोकजात रामणी गाँव होते हुए सप्तमी के दिन बालपाटा पहुँचती है।यहाँ पर माँ भगवती का मंदिर भी स्थित है।

बालपटा बुग्याल से 2 दिन का सफर तय कर सप्तकुण्ड की यात्रा की जा सकती है।यहाँ से निजमुला घाटी में भी जा सकते है।बालपाटा बुग्याल में बेशकीमती जड़ी बूटियाँ होती है।यहाँ पर भोजबृक्ष के पेड़ भी स्थित है।नंदाघुंटी,त्रिशूल,कामेट चौखम्बा, केदारडोम सहित कई हिमधवल चोटियाँ यहाँ से दिखाई देती है।इसके साथ ही ऑली, बेदनी, भगुवासा बुग्याल भी दिखाई देते है।
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